खनन माफिया की मुख्यालय से लगा कर निदेशालय तक है पैठ जिसके दम पर कर्ता है खनन
रिपोर्ट मुन्ना विश्वकर्मा ✔️
⭕हमीरपुर।यूपी के हमीरपुर में अवैध खनन आम बात हो गयी है..सरकार की नीतियों के विरुद्ध सरकारी अमला कैसे खनन माफियाओं से मिलकर अवैध खनन करवाने में मशगूल रहता है ये भी किसी से छिपा नहीं है...माफिया जिम्मेदार अधिकारीयों के साठ गाठ कर नदियों का सीना छलिनी करते रहते हैं...आज हम एक ऐसे ही खनन माफिया के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक स्कूल के बाबू से कैसे जिले का सबसे बड़ा खनन माफिया बन गया...? एक सरकारी बाबू ने कैसे महज कुछ सालों में अकूत संपत्ति का मालिक बन गया..? ताज्जुब की बात ये है कि ये सरकारी बाबू से माफिया बना शख्स आज भी बाकायदा इंटर कॉलेज में तैनात है...इस सरकारी बाबू से माफिया बने शख्स का नाम है जावेद हबीब...जावेद हबीब उस शख्स का नाम है जो आज खनन के कारोबार में किसी परिचय का मोहताज नहीं है...हमीरपुर से लेकर बाँदा, जालौन जैसे जनपदों में खनन के कारोबार में इस माफिया की तगड़ी पैठ है..इस माफिया बाबू के बारे में प्रशासन से लेकर खनिज विभाग और शिक्षा विभाग को भी सारी जानकारी है लेकिन मजाल क्या किसी की इसके खिलाफ कोई उफ़ भी कर पाए..बताया जाता है कि ये सरकारी बाबू से माफिया बने जावेद हबीब का जिले से लेकर निदेशालय तक तगड़ी पैठ है शायद यही वजह है कि इस पर हाथ डालने की कोई भी अधिकारी हिम्मत नहीं जुटा पाता...और ये माफिया जावेद हबीब का अवैध खनन का काला कारोबार दिन-रात फल फूल रहा है...
जानकारी के मुताबिक इस माफिया जावेद पर नकेल कसने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने भी बहुत कोशिश की थी लेकिन वो भी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए थे...अब सवाल ये उठता है कि कोई शख्स किसी विभाग का सरकारी बाबू रहते हुए कैसे अवैध खनन माफिया बन गया..? महज कुछ सालों में इस शख्स ने कैसे इतनी अकूत संपत्ति अर्जित कर ली..? आखिर सब कुछ जानते हुए जिला प्रशासन इस माफिया पर कार्रवाई की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहा..? क्या इस माफिया पर कार्यवाई न होना माफिया से विभाग से मिलीभगत का नतीजा है..? कुछ लोग तो मानते हैं कि इस माफिया की सही से जांच हो जाये तो करोड़ों रूपये के सरकारी धन की लूट का मामला निकल कर आएगा..
अब इस सरकारी बाबू कम खनन माफिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं...दरअसल जावेद हबीब के पिता राजकीय इंटर कालेज हमीरपुर में कैमेस्ट्री के लेक्चरार हुआ करते थे..जिनको लोग हबीब मास्टर साहब के नाम से जानते थे... उनका बेटा भी उसी स्कूल में पढाई करता था.. धीरे धीरे वक्त गुजरा और हबीब मास्टर साहब बीमार रहने लगे और कुछ दिनों के बाद हबीब मास्टर साहब की आकस्मिक मृत्यु हो गई कई...परिवार सहित तमाम जिम्मेदारियों का बोझ उनके बेटे पर आ गया...जिसका नाम था था जावेद हबीब.. जावेद हबीब को मृतक आश्रित पर पिता की जगह स्कूल में बाबू की नौकरी मिल गई... नौकरी मिलने के कुछ दिनों बाद उन्होंने अपना ट्रांसफर कहीं और करवा लिया.. लेकिन चालक और दिमागी व्यक्ति जावेद हबीब को नौकरी से मिल रहे वेतन में मजा नहीं आ रहा था... उसे तो सिर्फ पैसा और सामाजिक रुतबा चाहिए था.. जिसके चलते उसने पूर्व की सपा सरकार में रहे एक विधायक का हाथ थामा और पैसे कमाने की राह पर चल पड़ा... पूर्व की सपा सरकार के उस विधायक के दम पर स्कूल के बाबू जावेद हबीब ने पत्योरा खदान न सिर्फ हासिल की बल्कि बाद में उसी विधायक को भी दरकिनार कर दिया... पत्योरा खदान सरकारी स्कूल के बाबू जावेद हबीब की माँ राबिया बेगम के नाम स्वीकृत हुई थी..यही वजह थी की विधायक साहब भी जावेद हबीब का बाल भी बाका नहीं कर पाए और देखते ही देखते एक सरकारी बाबू बालू के अवैध खनन का मफिया बन गया... यूं कहें कि पूर्व की सपा सरकार से लगाकर वर्तमान स्कूल के बाबू का रसूख ये है कि सरकार कोई भी हो..खनन का पट्टा किसी का भी हो.. खनन कार्य मे हस्तक्षेप जावेद हबीब का ही होता है...
अगर आज की बात की जाय तो उक्त खनन माफिया जावेद हबीब वर्तमान में कई खदाने संचालित कर रहा है.. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करोड़ो की सम्पति का मालिक खनन माफिया जावेद हबीब के पास अरहान मिनरल की फर्म के नाम 40 के लगभग ट्रक, 20 से अधिक पोकलैंड मशीनें हैं.. खनन माफिया के परिजनों, ड्राइवरों और कर्मचारियों के नाम कई मंहगी और लग्जरी गाड़ियां है... साथ ही माफिया जावेद हबीब के कई बाहुबली नेता, मंत्रियों से सम्बन्ध बताये जाते हैं..यही कारण की बड़े से बड़ा अधिकारी भी इस माफिया के गिरबान में हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पाटा है... ये भी बताया जाता है कि इस खनन माफिया जावेद हबीब व उसके परिजनों के नाम पेट्रोल पंप सहित कई बेनामी संपत्तियां हैं..हमीरपुर सीमा के बाहर कानुपर की सीमा बीबीपुर में आलीशान फार्म हाउस है जहाँ अपराधी किस्म के लोगों का जमावड़ा लगता है ...इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ जैसे अलग शहरों के साथ देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में भी हैं...जिसमें जमीनें व मकान शामिल हैं... वर्तमान में खनन माफिया टोला खंगार खण्ड संख्या 5 नम्बर व भेड़ी खण्ड संख्या 14 नम्बर संचालित कर रहा है।