आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा, पूरा मामला उत्तर प्रदेश जनपद बांदा कोतवाली नरैनी के पुकारी गांव का है पीड़ित पत्रकार राम किशोर उपाध्याय ने जिलाधिकारी बांदा सहित भारत के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री राज्य मानवाधिकार आयोग सहित पत्र लिखकर बताया की नीलम सिंह पुत्री बाल गोविंद सिंह जो कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुकारी में अनुदेशक पद पर कार्यरत है मेरे व उसके बीच कभी भी किसी प्रकार की लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ है उक्त महिला द्वारा मेरे ऊपर एससी एसटी एक्ट छेड़खानी जैसे संगीन धाराओं में अभियोग पंजीकृत करा दिया गया है जोकि पूरी तरह से गलत है उक्त महिला अध्यापिका का मूल पैतृक निवास ग्राम निवाड़ी कला थाना महेवा जनपद इटावा है यहां पर इनके परिवार रजिस्टर मैं कड़ेरे दर्ज है जोकि पिछड़ी जाति से आते हैं इनके द्वारा जनपद बांदा में आकर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा कर सर्विस की जा रही है एवं मुझे ही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग के साथ में भी धोखा किया गया पीड़ित पत्रकार ने बताया कि उक्त महिला ही नहीं बल्कि इनके पिता बाल गोविंद सिंह भी अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र से आर्यावर्त बैंक में सर्विस करते रहे हैं जो कि अब रिटायर हो चुके हैं।
पत्रकार रामकिसोर उपाध्याय के ऊपर हरिजन एक्ट उसने लगवाया जो हरिजन है ही नही जिसके प्रमाण उपाध्याय द्वारा बरिष्ठ अधिकारियो के दिए जा चुके है।
अब एक बात कि जब वह हरिजन नही है तो उसका किस अधिकारी ने हरिजन प्रमाण पत्र बनाया ।एक ही व्यक्ति के दो जाति प्रमाण पत्र यह कैसे संभव है इस मे एक तो दोषी है य तो हरिजन प्रमाण पत्र जारी करने वाला य फिर बैकवर्ड का प्रमाण पत्र जारी करने वाला जिसके दम पर इन लोगो ने सरकारी नौकरी की और एक सेवा से रिटायर हुआ दूसरा सदस्य कर रहा है।
जो पहले से ही जालसाजी मानसिक्ता के साथ नौकरी हासिल किए हुए हो तो क्या वह अपने कर्तव्यो के प्रति इमानदार रह पायेगा? क्या ऐसे लोग सरकारी नौकरी के योग्य है ? अगर हां तो धिक्कार है ऐसे सिस्टम पर अगर नही तो इन पर जांचोउपंरात अभी तक कार्यवाही नही होना संपूर्ण कार्यवाही संदेह के घेरे मे आती है।
चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर सहित जिलाधिकारी बांदा पुलिस कफ्तान बांदा से अनुरोध एंव मांग है की पत्रकार रामकिसोर उपाध्याय के ऊपर जो हरिजन है ही नही के द्वारा लगवाया गया हरिजन एक्ट वापस लेते हुए फर्जी हरिजन एक्ट लगवाने शासन प्रशासन को गुमराह करने के तहत कार्यवाही की जाय और फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवा उसके माध्यम से हासिल की गई नौकरी से हटाया जाय ।