नियमाविरुद्ध हो रहे खनन के मामले में प्रमुख सचिव से की शिकायत
रिपोर्ट:–मुन्ना विश्वकर्मा
⭕हमीरपुर।एनजीटी के नियमो की धज्जियां उड़ाने औऱ पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ कर खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन करने के संबंध में चिंता ब्यक्त करते हुए एक समाजसेवक अधिवक्ता ने जनपद के खनिज अधिकारी पर आरोप लगाते हुए प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र लिख जांच कर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।
आपको बता दे कि जनपद में कुछ खनन क्षेत्रो में नियमविरुद्ध चल रही मोरम खदानों में नियमविरुद्ध हो रहे कार्यो को रोकने के उद्देश्य से ग्राम इंगोहटा तहसील व जिला हमीरपुर का निवासी समाजसेवक एडवोकेट आशीष कुमार द्विवेदी ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि जनपद हमीरपुर मे स्वीकृत खनन पट्टा खण्ड सं० 10 / 33 ग्राम बेरी भुजपुर तहसील व जनपद हमीरपुर में स्थित खदान में मानक के विपरीत एवं सर्वोच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमों एवं दिशा-निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन करते हुये प्रतिबंधित मशीनों से खनन कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संलग्नक फोटो ग्राफ्स से स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि पट्टा धारक द्वारा नदी की जल धारा में नियमों का घोर उल्लंघन करते हुये पर्यावरण तथा जलीय जन्तुओं को क्षति पहुचाते हुये खनन संक्रियायें निरंतर की जा रही हैं। जिससे पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है। जबकि उ०प्र० खनिज परिहार नियमावली 2021 के अध्याय 5 के धारा 42 के नियम "ज" की उपधारा 1 एवं 2 में उल्लिखत नियम में वर्णित संक्रियाओं के विरूद्ध उक्त कार्य किये जा रहे। कहा कि पट्टा धारक को मशीनों के उपयोग की स्वीकृति जिसकी बूम की लम्बाई 3 मीटर एवं बकैट क्षमता 1 घन मीटर का प्रयोग केवल वाहनों में लोडिग के लिये ही होना सुनिश्ति है। किन्तु उक्त खण्ड मे प्रतिबंधित मशीनों द्वारा नदी की जलधारा में बडे बडे गड्ढे करके खनन संक्रियाये की जा रही है । उन्होंने कहा कि पूर्व में भी जनपद हमीरपुर में इसी पर्यावरणीय क्षति को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण नई दिल्ली मे एक वाद जिसका वाद सं0 393 / 2002 मा० प्राधिकरण लम्बित है ।जिसमें शिकायतकर्ता स्यंम याचिका कर्ता है। उक्त वाद में केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के जांच सदस्य नें छः पटटा धारको के विरूद्ध पर्यावरण क्षति एवं अवैध खनन पर लगभग 648 करोड की क्षति की रिपोर्ट प्राधिकरण मे दाखिल की है। जो माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण नई दिल्ली के समक्ष विचाराधीन है। पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि उसके बावजूद भी खान अधिकारी हमीरपुर सुभाष सिंह द्वारा इन पट्टा धारकों को खुला संरक्षण दे रहे है। जिससे पट्टा धारकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही न होने के कारण आज भी अवैध संक्रियाये करके खनन कार्यों को निष्पादित करते हुये पट्टाधारक एवं खनिज अधिकारी अनैतिक रूप से धन अर्जित कर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व मे भी कई बार विभिन्न खण्डों की शिकायत खनिज अधिकारी हमीरपुर को कर चुका है किन्तु अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हुई है। उन्होंने मांग की है कि उक्त खण्ड एवं खनिज अधिकारी हमीरपुर सुभाष सिंह की जांच कराकर सम्बन्धित दोषी पट्टाधारक के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की अपील की है।