सार्वजनिक शौचालय बनकर हो रहे तैयार उद्घाटन कब करेंगे नेता जी।
मंदाकिनी टाइम्स विशेष सहयोगी
प्रदेश सरकार द्वारा पंचायती राज विभाग को प्रत्येक गाँव मे 1 सार्वजनिक शौचालय बनवाने के खातिर कई माह पहले धनराशि जारी हो गयी थी
और देखिए तो पंचायती राज विभाग इत्ता जिम्मेदार विभाग है की इस पंचवर्षीय योजना के पूरा होने के पहले सारे सार्वजनिक शौचालयों को पूरा करने के बाद ही चैन की सांस ली
लेकिन एक बात हमको क्या किसी को भी अभी तक समझ न आयी होगी कि आखिर जब मोदी जी द्वारा पूरे भारत में स्वच्छता अभियान के तहत सभी को 1-1 शौचालय बनाने के लिए सहायता राशि जारी की हैं तो फिर ई लगभग 5 लाख रुपिया का सार्वजनिक शौचालय कहे बनाये जा रहे ?सोचने वाला विषय है
फिर हम सोचना शुरू किए कि बहुत गाँवो मे फलाने बाबा का शौचालय नही मिला ढेकाने दाई का नही मिला झुमरी के बाबू जी बोल रहे थे कि हमरे शौचालय के छत नही पड़ी, सम्पतिया दादी के अधूरी बनी हैं फुलिया काकी के शौचालय में गड्ढा नही बने ,रीवाँ वाली भउजी का 6 हजार रुपया मिला है ऐसे तमाम जन बचे हैं
अरे ! ह 🤔 शायद ये जो बचे हुए आदमी हैं इनके लिए बन रहा है यही लोग जाएंगे शौच करने
एक बात गज़ब की और बतायी भैया , फलाने नेता जी के घर मे चार-चार शौचालय बने है
लेकिन फिर हम सोचे कि मोदी बाबा तो दिल्ली से सबके बरे शौचालय भेजे हैं फिर ई लोग कहे छूट गए? फिर मन म एक खयाल आवा की गलती म शौचालय छूट गए होंगे योगी और मोदी बाबा का ये बात पता होई तभी तो सार्वजनिक शौचालय बन रहे?
लेकिन फिर हम सोचे कि फलाने बाबा तो हमेशा खुले में शौच गए हैं उनको भला इतने महँगे टाइल्स लगे लेटरिंग में टट्टी छूटेगी ?
कतई नही , इन सब मा तारा दीन रही और कुछ दिन बाद सब समान गायब होई जई
सब सार्वजनिक शैचालय बनके तैयार है इतने बड़े-बड़े जैसे बड़के-बड़के नेता और अधिकारिन का पेट हैं
उससे बड़ा सवाल यह है कि इनका उद्घाटन कौन करेगा?
सच में भैया हम शौचालय को लेकर बहुतै सोचे इतना सोचने के बाद हमरे दिमाग में एक बात याद आयी कि कांग्रेस के लोग कहत हैं कि कांग्रेस एक पार्टी नही सोच हैं हम समझे कि हम कांग्रेसी होते जा रहे हैं का?
कसम बरम बाबा के ई बात ध्यान आते ही हम झट से सोचना बंद किए
बहुत परधानन से हम पूछा कि कउनो नेता जी बोले है का शौचालय के उद्घाटन के बरे तो जवाब मिला नही
हम भुट्टा के जैसा मुँह लटकाए चले आये
फिर हम कई लोग को लेकर अपने गाँव के बड़का नेता के पास गए यही पूछे खातिर की भैया आप अपने घर म नेता जी को जनमदिन और शादी में बुलाते हैं तो शौचालय के उद्घाटन बरे बुलॉएँगे की नही? नेता जी बोले ई का बेतुका सवाल करते हो बे , नेता जी कुर्सी से खड़े हो गए उनका तेज़ आवाज और लाल आँख देखकर हम डर गए
नेता जी के तेज आवाज सुनके भीड़ ये जानने के खातिर इकट्ठा हो गए कि नेता जी आज सुबह- सुबह गदहा के जैसे कहे चिल्ला रहे है?
सब जन बोले की, अरे भैया जैसे नयी दुकान ,नया घर आदि के उद्घाटन नेता जी करते है तो शौचालय क उद्घाटन कहे नही ?
नेता जी गुस्सा गए और हमको डाँट के भगा दिए हम ठहरे गाँव के गरीब आदमी चुपचाप वहाँ से चलने ही वाले रहे
कि भीड़ से मंगरू चिल्ला के बोला कि भैया य स्वच्छ भारत अभियान परधानमंत्री के मिशन आय तो स्थानीय नेता जी का शौचालय के उद्घाटन तो करा चही लेकिन नेता जी का डर हैं कि 5 साल के खायी पेटे म भरी सरकारी नोट कही शौचालय म न गिर जाए?
इतना सुनके बुधिया काकी बहुत जोर से हँसी उसके बाद जो हुआ न पूँछिये भैया.....
उसके बाद हम सब लोग भी खूब जोर से ठहाका मार के हँसे और बोले कि ठीक कहे रे मँगरू
लेकिन आज स्वच्छ भारत महाभियान अभी अधूरा है हजारो गाँवो में आज भी लोग बाहर शौच के लिए जाते हैं जिम्मेदार लोग खामोश हैं ,आखिर कागजो की जगह जमीन में कब पूरा होगा काम ये बहुत ही गंभीर विषय हैं