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इछावर/बिदौर पुल के लिए याचना नहीं अब रण होगासंघर्ष बड़ा भीषण होगा

इछावर/बिदौर पुल के लिए याचना नहीं अब रण होगा
संघर्ष बड़ा भीषण होगा 

बांदा ब्यूरो चीफ मयंक शुक्ला
⭕बांदा। जसपुरा क्षेत्र के इछावर/बिंदौर यमुना नदी में क्षेत्र की जनता की पक्के पुल के निर्माण की मांग को लेकर लखनऊ में जनप्रतिनिधियों से मिलने के बाद भी वादाखिलाफी करने व पुल निर्माण के विषय में कोई ठोस कदम न उठाने पर क्षेत्र के गांवों में 20अक्टूबर से बैठको के माध्यम से जनप्रतिनिधियों की पोल खोल कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की रणनीति बनाई जाएगी।
1999 में भाजपा सरकार के लोक निर्माण विभाग के माननीय मंत्री कलराज मिश्र जी द्वारा इछावर ,/बिंदौर पुल का शिलान्यास व लोकसभा चुनाव 2019 के समय यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य जी ने फतेहपुर की चुनावी सभा से पुल निर्माण की घोषणा किया था व बजट देने की बात कही थी ! चुनाव के बाद 2022 में जाफरगंज;, बिंदौर; माैहारी आदि गांव के लोग मौर्य जी मिलने लखनऊ गए वहां बताया कि आपकी घोषणा के अनुसार अभी तक पुल का निर्माण नहीं शुरू हुआ और उन्होंने कहा आप साध्वी जी मिलिए पुल वहीं बनवा सकती हैं !
फतेहपुर की सांसद न तो बिंदौर से पुल। चाहती हैं और नहीं बारा /गलौली से 
वो तो आगे भौंरा (हमीरपुर) से यमुना नदी का पुल चाहती हैं ! कारण है फतेहपुर के मूसानगर में इनका आश्रम !
 सभी क्षेत्रवासियों की गांव गांव मीटिंग पुल की भारी मांग के लिए दोनों जिलों के सैकड़ों लोगों का लखनऊ जाकर दोनों जिलों (फतेहपुर/बांदा) के जनप्रतिनिधियों को एक जगह सभी क्षेत्रवासियों को पुल निर्माण का आश्वासन देना व जनप्रतिनिधि विवश होकर अपने लेटर पैड को कुछ ने बारा / गलौली कुछ ने इछावर /बिंदौत से लगा दिया ! जनप्रतिनिधि यमुना में पक्के पुल की मांग से घबडा सा गए हैं क्योंकि आज तक जसपुरा क्षेत्र में पुल की मांग सबसे पहले हम लोगों ने चरणबद्ध तरीके से उठाया और उसी का असर है कि आज पूरे क्षेत्र में पुल से सम्बन्धित चर्चाएं शुरू हैं ।
दूसरा मामला सिंधन से पैलानी रास्ते में रपटा( लघु सेतु) निर्माण का हैं 
सिंधनं गांव के किसान यूनियन के पदाधिकारि विजयपाल सिंह चौहान व अन्य गांव के लोगों ने कहा कि बरसात के दिनों में थोड़ी बारिश में ये रास्ता बिल्कुल बन्द हो जाता है ; सिंधन;, गुरगवां; लसड़ आदि गांव के लोग इस रास्ते से अपनी जान जोखिम में डालकर निकलते हैं इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कई बार इस पुल के निर्माण की बात कहा लेकिन आज तक बनवाया नहीं !
पुल निर्माण संघर्ष समिति के इछावर निवासी महेंद्र बाजपेई; बड़ागांव निवासी नीरज कछवाह; धीरेन्द्र सिंह;अमर यादव; सिधगोपाल सिंह आदि लोगों ने कहा कि अब हम सरकार से मांगेंगे नहीं 20 अक्टूबर से गांव गांव मीटिंग के माध्यम से लोगों को जागरूक कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की रणनीति बनाएंगे ! क्योंकि ये 
 बीजेपी के नेता बिल्कुल नहीं चाहते कि लोकसभा चुनाव में ये क्षेत्र का मुद्दा न बन पाए।
मैंने जो भी विभाग से जानकारी किया है उसके अनुसार बारा/ गलौली पुल का पहला प्रस्ताव (प्रारम्भिक बजट) स्वीकृत के लिए लखनऊ सेतु निगम भेजा गया है ! 
इस तरह के प्रस्ताव लगातार कई सालों से इछावर/बिंदौर पुल के लिए जा रहे हैं !
बारा व इछावर दोनों दीर्घ (बड़े) पुल की श्रेणी में आते हैं ! 
इनका बजट व घोषणा माननीय सीएम साहब या कोई बड़ा नेता करते हैं !
अगर देखा जाए तो दोनों तरफ के जनप्रतिनिधियों ने पुलों की मांग में बहुत ही सोची समझी चुनावी रणनीति के तहत दोनों तरफ से अपने अपने लेटर पैड लिख कर माननीय मुख्यमंत्री महोदय; pwd मंत्री महोदय आदि जगह जनता की भारी मांग की वजह से लगाने पर विवश हो गए हैं,! 
पुल निर्माण संघर्ष समिति के समन्वयक पुष्पेन्द्र सिंह चुनाले ने कहा कि
हमारी मांग अभी भी वही है यमुना नदी में पक्के पुल का निर्माण की प्रक्रिया लोकसभा चुनाव के पहले ही शुरू हो !
पहली प्राथमिकता इछावर/बिंदौर अगर सरकार या सरकार के प्रतिनिधि यहां से नहीं चाहते तो बारा / गलौली से बनवाए लेकिन हवा हवाई बातें करके और जनता को भ्रमित करने लिए लेटर लेटर का खेल न खेलें जनप्रतिनिधि ! 
नहीं तो जो क्षेत्र की जनता गांव गांव मीटिंग के दौरान जो नारा दिया था 
पुल नहीं तो
वोट नही
 20 अक्टूबर से क्षेत्र के गांवों मै मीटिंग कर अमल में लाया जाएगा ! मीटिंग में ये भी तय किया जाएगा कि गांव के अंदर हम सत्तापक्ष के नेताओं को घुसने भी नहीं देंगे और आगे कई गांवों में सामूहिक लोकसभा चुनाव का बहिष्कार होगा !

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